हमारे बारे में
नमस्कार देवी और सज्जनों
छात्र को सही मायने में बुद्धिदमान बनाना यह मेरा एकमात्र लक्ष्य हैं। मैंने पिछले १५ सालों में लगभग १०,००० से ज्यादा छात्रों को सिखाया है, और इस दौरान हर तरह की छात्रा की बारीकी से पढ़ाई की अब मुझे पता चला कि बच्चे अखिर होशियार क्यों नहीं बान पाते ? ऐसा क्या होता है कि एक ही कक्षा के, एक ही आयु के, स्कूल के बच्चे उनमें से केवल ५ प्रतिशत होशियार बनते हैं और ९५ प्रतिशत साधारण रह जाते हैं। इसकी सही वजाह जैसे मुझे पता चला हैं। इसका इलाज भी मैंने ढूंढ लिया है। मुझे यकीन हैं, जो प्रणाली (सिस्टम) मैंने बच्चों को होशियार बनाने के लिए बनाई है, यह १०० प्रतिशत कारगार होगी इसका इस्तमाल मैंने लगभग ८०० छात्रों पर किया हैं और वे सभी अपनी बौद्धिक क्षमता का अधिक इस्तमाल कर रहा हैं। मैं चाहता हूं कि जो अभिभावक समझदार हैं जिनके पास दूर दृष्टिकौन हैं, वे मेरे इस मिशन का हिस्सा बने और अपने बच्चों को एक बेहतर, होनहार और बुद्धिमान नागरिक बनाये l
यदि आपके पास मुझे देने के लिये २ चीजे हैं, तो मैं आपके बच्चों को होशियार तथा विद्वान बना सकता हुँ और वे दो चीजे हैं, (१) विश्वास (२) धीरज (सबुरी) विश्वास अगर हैं, तो असंभव घटना संभव हो सकती हैं, हर बदलाव के लिये समय लगता हैं l मुझे आपके बच्चों को एक नयी प्रणाली सिखानी है। उन की सोच बदलनी हैं l उन का नजरिया बदलना है। ऐसे और भी बातें हैं, जिस को थोड़ा ज्यादा समय लगेगा l इसलिए मुझे बच्चों को होशियार बनाने के लिए समय लगेगा इस लिए आपका धीरज और सबुरी सबसे जरूरी हैं l
हमारा उद्देश हैं
तीनो भाषा मजबूत हो
छात्रो को तीनो माध्यम में सिखाया जायेंगा ताकि अंग्रेजी के साथ साथ मराठी और हिंदी भाषा भी मजबूत हो जायेंगी.
बेटियो के लिये
होम स्कूल में बेटियो के लिये खास एज्युकेशन दिया जायेंगा जिस की वजह से हमारी बेटियो को, कोई भी लड़का अपने जाल में फसा नहीं पायेंगा.
माता पिता का सन्मान
हम ऐसे छात्र बनायेंगे जो सिर्फ होशियार ही ना हो बल्कि माता पिता का सन्मान करने वाले, उनका कहना मानने वाले
हमारी फास्ट ट्रक अबकस् की संपूर्ण महाराष्ट्र में लगभग 250 से ज्यादा शाखाएं हैं l शिक्षा के क्षेत्र में हम पिछले १५ सालोसे योगदान देते आ रहे हैं। आज की शिक्षण प्रणाली को देखकर हमें उसकी बहुतसी कमियां दिखाती दी जिसकी वजह से बच्चों सही मायने में शिक्षा नहीं ले रहे हैं। आज शिक्षा एक फैशन बन गई हैं और ज्ञान पाना यह उद्देश्य नहीं रहा l ज्ञान से ज्यादा दिखावा जरूरी हो गया हैं l ये हमारे अध्ययन के नतीजे हैं l १५ सालों से स्मरण शक्ति विकास कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं l अबतब लगभग १०,००० से ज्यादा छात्रोंने इस कार्यशाला का लाभ लिया हैं l हम उन बच्चों के लिए सबसे ज्यादा मेहनत करते हैं l जो पढ़ाई में कमजोर हैं l अब तक हमने ऐसे ५०० से अधिक बच्चों को बेसिक कोर्स में सिखाकर उन्हे वापस शिक्षा के मुल धारा में लाया हैं l जो धारा से बिछड गए थे l हमने ऐसी प्रणाली (सिस्टम) इलाज की हैं की उस स को निमे आनेवाला हर छात्र हैशियार बनेगा ही l छात्रों का संपूर्ण विकासा नई दिखाना हैं l हमें यह भी नहीं कहते कि, दूसरी शिक्षा देने वाले क्लासेस तथा संस्था अच्छी नहीं हैं l हम तो यह कहते हैं l की हमे उन मैं से एक अच्छी शिक्षा देने वाली संस्था बनना हैं l